पिछलेसालकूर्गजानाहुआ (कर्नाटककेमडिकेरीनामकस्थानपरकूर्गयाकोडुगुनामसेजानाजानेवालाएकहिलस्टेशन)इसकेबारेमेंतोहमनेसुनरखाथा।रास्तेमेंहमेंपताचलाकीयहाँपरहाथियोंकाएकट्रेनिंगसेंटरहैजिसकानामहैदुबारे एलिफैंटकैंपहै।यहएकरिज़र्वफॉरेस्टहै।यहमैसूरसेलगभग80किलोमीटरदूर कुशलनगर के पास कावेरी नदी के किनारे स्थित है। यहाँ मैसूर दशहरा उत्सव के लिएहाथियों को प्रशिक्षित किया जाता है। हमने भी वहां जाने का इरादा कर लिया टैक्सी हमें उस स्थान तक ले गई जहाँ से हमें कावेरी नदी को नाव द्वारा पार कर के इस कैंप में जाना था। कैंप में छोटे बड़े सभी उम्र के हाथी थे। इस कैंप की सबसे अनोखी बात यह है की यहाँ पर्यटक भी इन हाथियों की दिनचर्या में भाग ले सकते हैं। बच्चे तो यह देख कर उछल पड़े हम भी टिकेट वगैरह ले कर तैयार हो गए। एक एक कर महावत अपने अपने हाथियों को लाने लगे। तीखे ढलान से होकर हाथी नदी की ओर चल पड़े। हम भी पीछे पीछे हो लिए। महावत उनको रगड़ रगड़ कर नहलाने लगे। हाथी भी मजे से पानी में लेट कर अपने महावत को सहयोग देते रहे। सबसे छोटा हाथी जो शायद तीन साल का था वह लेटने के बाद भी बच्चों से ऊँचा था। बच्चों ने उन्हें नहलाने में बड़ा मजा किया। नहाने के बाद सभी हाथी एक नियत जगह पर लाइन में खड़े हो गए जहाँ उनको भोजन दिया जाना था।सबसेछोटाहाथीतीनवर्षकापरशुरामसबसेज्यादाचंचलथा।इसकैंपमेंहाथियोंकोउनकीनैसर्गिकखुराकजोउन्हेंपेड़पौधोंसेमिलजातीहैउसकेआलावाऔरभीपौष्टिकभोजनदियाजाताहै।खानेकेबादभीसभीहाथीकाफीउत्सुकतासेकिसीचीजकाइन्तजारकरतेलगेहमनेपूछातोपताचलाकीउन्हेंगुड़खानाहैजोउनकोबहुतपसंदहै।हरबारखानेकेबादउन्हेंएकबड़ासाटुकड़ागुडकादियाजाताहै।इसकेबादसभीहाथीअपनेअपनेस्थानपरलौटनेलगे।हमनेपूछाकीयहकहाँजारहेहैंतोजवाबमिलाअभीतैयारहोकरआयेंगे।हमभीउत्सुकतासेइन्तजारकरनेलगे।थोड़ीदेरकेबाददोबड़ेहाथीकोउनकीपीठपरहौदाबाँधकरलायागया।बच्चोंनेहाथीकीसवारीकाआनंदलिया।सवारीकेबादहाथीनेअपनीसूंडउठाकरसबकाअभिवादनकिया।हाथियोंकाकार्यक्रमसमाप्तहोगयाथावेसभीजंगलकीऔरजानेलगेहमभीनावद्वारावापसदूसरेकिनारेआगयेजहाँहमारीटैक्सीहमाराइन्तजारकररहीथी।एकअनोखेऔरयादगारअनुभवकोअपनेदिलमेंसमेटकरहमनेवहांसेविदाली।
इसे कहते हैं चिट्ठाकारी की लेखकीय जीवंतता. जानकारी से भरपूर और पठनीय संस्मरण. अलग तरह का अनुभव आपने बांटा है. सतही तौर पर पढ़ने में हाथियों का जिंदगीनामा मामूली लगता है लेकिन जब अपने आसपास और परिवेश निकल कर मानसिक दिशा किसी ऐसे एकांत में ले जाती है तो ऐसे दृश्यों, अनुभवों और उल्लेखों की पठनीयता का मजा ही कुछ और हो जाता है.
अच्छा लिखते हो अच्छा दीखते हो दिखती है ताकत मन के विस्वास की एक अचछे एहसास की खाश है ये नाम मेरे लिए क्यों ये बता नहीं सकता पर मुलाकात अच्छा लगा और भी लिखना तो बताना मिलेगा बात करने का फिर से बहाना
अरे वाह पहली बार इस बारे पढा, ओर सच मै बच्चो को तो क्या बडो को भी जरुर मजा आयेगा, आप ने इस यात्रा के समरंण हम संग बांटे बहुत ही अच्छा लगा, कभी मोका मिला तो हम लोग जरुर जायेगे. आप का धन्यवाद
9 comments:
इसे कहते हैं चिट्ठाकारी की लेखकीय जीवंतता. जानकारी से भरपूर और पठनीय संस्मरण. अलग तरह का अनुभव आपने बांटा है. सतही तौर पर पढ़ने में हाथियों का जिंदगीनामा मामूली लगता है लेकिन जब अपने आसपास और परिवेश निकल कर मानसिक दिशा किसी ऐसे एकांत में ले जाती है तो ऐसे दृश्यों, अनुभवों और उल्लेखों की पठनीयता का मजा ही कुछ और हो जाता है.
अच्छा लिखते हो अच्छा दीखते हो
दिखती है ताकत मन के विस्वास की
एक अचछे एहसास की
खाश है ये नाम मेरे लिए
क्यों ये बता नहीं सकता
पर मुलाकात अच्छा लगा
और भी लिखना तो बताना
मिलेगा बात करने का फिर से बहाना
http://www.orkut.co.in/Main#Profile.aspx?uid=12826479070594199197
बहुत ही मज़ेदार और अनोखा अनुभव रहा होगा, काश हमें भी ऐसा मौक़ा शीघ्र मिले!
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चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
बहुत खूबसूरती के साथ अपने इन शब्दों को बंधा है ,अपना अनुभव बांटने के लिए आभार .
अरे वाह पहली बार इस बारे पढा, ओर सच मै बच्चो को तो क्या बडो को भी जरुर मजा आयेगा, आप ने इस यात्रा के समरंण हम संग बांटे बहुत ही अच्छा लगा, कभी मोका मिला तो हम लोग जरुर जायेगे.
आप का धन्यवाद
आज सुबह इसको अमरउजाला के ब्लॉग कोना में पढ़ा था अच्छा लिखा है यह यात्रा वृत्तांत आपने
जीवंत यात्रा वृतांत।
वाह यह तो मजेदार यात्रा रही !
अत्यंत रोचक गंभीर भावो को वहन करती सुन्दर शब्द रचना ... वाह वाह यह ग़ज़ल यदि संगीत बद्ध हो तो सोने पर सुहागा मैंने तो इसको गाकर ही पढा
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