Tuesday, December 14, 2010

लौट आओ......

लौट आओ कहाँ हो............. तुम बिन मेरी जिंदगी कितनी रीती रीती सी है...........कोई रंग नहीं कोई रौनक नहीं...............सब फीका सा बेमानी सा लगता है.............तुम कहाँ चले गए हो.........क्यूँ रूठे हो..........मुझसे यूँ रूठने की तुम्हारी आदत तो बड़ी पुरानी है............ज़रा ज़रा सी बात पर रूठ जाना और फिर मेरा तड़प कर तुमको मानना............यह सिलसिला उतना ही पुराना है जितनी तुम्हारी मेरी पहचान...............पर इस बार यूँ रूठ जाओगे मैंने सोचा भी न था...........एक बार मान जाओ.........एक बार आजाओ..........आके बता तो जाओ कि मेरी भूल क्या है............मुझसे क्या गलती हो गयी जो तुमने मुझे यूँ अपने से दूर रहने की सज़ा देदी........कितने साल हमने साथ साथ गुजारे हैं..............तुमको मेरी छोटी छोटी बातों का मेरी हर जरूरत का कितना ख्याल रहता था..........तुमको पुकार भी न पाती थी और तुम मेरे सामने होते थे...............तुम थे तो कभी जिंदगी में किसी और की ज़रुरत ही नहीं पड़ी..........कभी किसी को एहमियत ही नहीं दी...............कभी किसी और से जुडी ही नहीं.............. मुझको तुम्हारी आदत हो चुकी है...........कि अब तुम्हारे बिना जीना बड़ा ही दुश्वार लगता है............तुम ही तो मेरी जिंदगी कि धुरी थे.............. पर आज तुम मुझे यूँ छोड़ कर क्यूँ चले गए.............क्या तुमको मेरी याद नहीं आती...........क्या तुमको अब मेरा ख्याल नहीं................क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे बिना मेरा क्या हाल होगा..........हमारा रिश्ता इतना कमजोर तो कभी न था कि हालात की एक हलकी सी आंधी उसको यूँ बिखेर दे.........वो जादूगर की कहानी याद हैं न जिसकी जान उसके तोते में रहती थी ..........तुम जानते हो न कि बस वैसे ही तुम में मेरी जान बसती है..........अब जब तुम नहीं हो तो मैं भी बेजान सी हो गयी हूँ ........तुम्हारे बिना मैं कितनी अकेली हो गयी हूँ...........तुम जानते हो न कि मेरे दिल और मेरी जिंदगी में तुम्हारी क्या जगह है...........फिर तुम ऐसा क्यूँ कर रहे हो..........क्यूँ मुझसे इतनी दूर चले गए हो..........कहाँ हो वापस चले आओ.........लौट आओ...........

6 comments:

vandana gupta said...

ओह! बेहद मर्मस्पर्शी चित्रण किया है विछोह का।

Kailash Sharma said...

बहुत भावपूर्ण मर्मस्पर्शी चित्रण ..

Sunil Kumar said...

बेहद मर्मस्पर्शी चित्रण, अच्छी रचना के लिए बधाई....

पूनम श्रीवास्तव said...

bahut hi badhiya sochon ke saath aapne antarman ki bechaini ko bakhoobi apne khoobsurat aurmarmik dhang kesaath shabdo me piroya hai .
poonam

amar jeet said...

आपकी इस रचना को पढ़कर कोई आपसे कितना भी रूठा होगा जरुर मान जायेगा ..........
अच्छी रचना

Mukesh said...

Kash wo bhi mere DIL ki baat sun pati
Samaj sakti mere dil ke DARD ko
to shayad...............
Main bhi aaj U Badnam Na hoto
......Aur....U Barbad na Hota
.....................................
............I Love her
Really.................I Love her.