Sunday, April 18, 2010
मॉम यू आर टू गुड..............;;
शीर्षक से ही समझ गए होंगे कि मैं बच्चों की बात कर रही हूँ। जी सही समझा। कल मैं अपने कम्प्यूटर पर कुछ टाइप कर रही थी...........पता ही नही चला कि मेरे बेटे मेरे पीछे खड़े बहुत ध्यान से देख रहे हैं। ऐसा आम तौर पर होता नहीं है क्योंकि कुछ मिनट तो क्या कुछ पल भी वो शांत नहीं रह सकते। इसलिए आप एक ही जगह बैठे बैठे पता लगा सकते हैं कि वो घर के किस कोने में हैं............और अगर वो घर में हैं साथ ही कोई शोर नहीं है तो मतलब कि कहीं कुछ गड़बड़ है.........कहीं कुछ खुराफात चल रही है.............ऐसे वो दोनों आपको हमेशा सोफे की बैक पर, कुर्सी के नीचे, अपने बंक बेड पर उलटी तरफ से चढ़ते, कार से दरवाजे की जगह खिड़की से बाहर आते ...............या इसी तरह की गतिविधियों के साथ मिलेंगे............अनगिनत है गिनाने बैठी तो जाने यह पोस्ट कभी पूरी ही न हो पाए। हाँ तो अब मुख्य बात पर आती हूँ...........मैं कुछ टाइप कर रही थी और अचानक दोनों मेरे पीछे से आकर मुझ से लिपट गए...........एक स्वर में बोले मम्मी य़ू आर टू गुड...........फिर ढेर सारी फ़्लाइंग किस मेरी और उछाल दी मैं भौचक्क उनको देखती रही ..........मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्या हो गया जो मेरे बेटे अपनी माँ पर इतना रीझ रहे हैं...............मैंने पूछा हुआ क्या.........तो बोले मम्मी तुम तो हमारी मैम से भी ज्यादा इन्टैलिजेंट हो, मैंने पूछा कि भला वो कैसे......तो वो बोले मम्मी हमारी मैम तो कंप्यूटर में केवल A B C D ही लिख पाती हैं पर तुम तो A B C D के बटन से क ख ग घ भी लिख लेती हो ...........रीयली मम्मी यू आर टू गुड........ बच्चों के इस भोलेपन पर मैं मुग्ध हो गयी.............
अपने बच्चों के साथ इनके बचपन का एक एक पल जीने और उसको सहेज कर रखने की कोशिश करती हूँ कुछ यादों में, कुछ डायरी और कुछ फोटों में ......जाने कल वक़्त और जिंदगी उन्हें कहाँ ले जाए ..........पर उनका यह बचपन सदा सदा मेरे मन में ताज़ा रहेगा। मेरे नन्हों की कुछ कारगुजारियां.............
बंक बेड पर चढ़ कर छत पर की गयी चित्रकारी..
नयी कार पर पत्थर से खुरच कर की गयी कारीगरी॥
मेरे बीमार पड़ने पर बनाया हुआ Get well soon कार्ड
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11 comments:
Excellent Collection! Some more photos will follow shortly...
बाप रे, कार पर भी कलाकारी..:) और आप खुश...यू आर रियली टू गुड.
हम तो बचपन में स्कूटर पर भी स्क्रेच मार देते तो तबीयत से कुटाई होती. हा हा!
ओह तो वो लाल वाली कार पर कलाकारी भी आ गई.. और वो छत कई कलाकारी वाला फोटो तो जरूर लगनी चाहिए यहाँ पर.. सबसे Too Good और awesome तो वही था.. :D
@ समीरजी...........मम्मी से ज्यादा तो पिता जी गुड हैं जो देखते ही बोले कितने भी स्टीकर लगा लो यह तो सबसे ओरिजनल है।
@ PD...........तुम तो खुद ही कल सब देखे हो।
bahut hi pyari prastuti lagi aapki...
aur chitra to usse bhi pyare hain...
sach me mummy great hi hoti hain...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बच्चों में रचवात्मकता छिपी होती है!
अरे वाह बहुत ही बढ़िया, काश कि सारे अभिभावक इस भावना को समझें। आप दोनों को बधाई, हम तो देखकर ही भौंचक हैं कि इतने अच्छॆ माता पिता भी हो सकते हैं।
वाकई बच्चों की शरारतें गिनाने लग जायें तो पूरा अंतर्जाल कम पड़ जायेगा, आखिर बच्चे शैतानी नहीं करेंगे तो क्या हम लोग करेंगे।
@PD - चलो आखिरकार आपकी मुलाकात हो ही गई, बहुत अच्छे :D
bahut khub
aap ne mujhe mere shararti man ko jaga diya
me bhi asse hi masti karta rahta tha bachapan me sare din
http://kavyawani.blogspot.com
shekhar kumawat
@ PD यह उनकी रिमोट कार नहीं है ये हमारी सैंट्रो है.......असली वाली।
आप तो अच्छी हो ही...बच्चों से कह दीजियेगा कि मौसी कह रही थी कि "यू टू आर टू टू गुड"(both of you are also very very good) ठीक ! क्योंकि वे इतने भोले और शैतान जो हैं...मुझे शैतान बच्चे बहुत अच्छे लगते हैं. मेरी दीदी के बच्चे भी ऐसे ही हैं. छोटा चार साल का और बड़ी नौ साल की...पर दोनों दीदी के नाक में दम किये रहते हैं.
वाह क्या बात है..बच्चो के पिताजी भी काफी गुड हैं भई कहना पड़ेगा...
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