tag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post8227475316313382200..comments2023-06-10T16:58:21.609+05:30Comments on शिखा दीपक: कुछ यादें कुछ हकीक़त !!!!!!!!Shikha Deepakhttp://www.blogger.com/profile/14771628630149514529noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-21990941239752891712009-03-02T16:40:00.000+05:302009-03-02T16:40:00.000+05:30समय बदल जाता है पर यादे नहीं ख़त्म होती है .बहुत अ...समय बदल जाता है पर यादे नहीं ख़त्म होती है .बहुत अच्छा लिखा है आपनेरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-82164795630287900492009-02-27T18:20:00.000+05:302009-02-27T18:20:00.000+05:30aapka dar niradhar nahi hai.aapka dar niradhar nahi hai.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-89608897286180327792009-02-27T14:25:00.000+05:302009-02-27T14:25:00.000+05:30बिल्कुल सही रचना । बिल्कुल सही अंदाज में लिखा गया ...बिल्कुल सही रचना । बिल्कुल सही अंदाज में लिखा गया हैkumar Dheerajhttps://www.blogger.com/profile/03306032809666851912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-3268562105095476782009-02-26T16:29:00.000+05:302009-02-26T16:29:00.000+05:30अरे वाह आप भी लखनवी हैं हम भी हैं! हम तो पुराने शह...अरे वाह आप भी लखनवी हैं हम भी हैं! हम तो पुराने शहर में रहे और नये शहर में भी! लखनऊ का रंग वही है बस दोस्तदारी बदल गयी है!Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-80375739596550588662009-02-25T21:08:00.000+05:302009-02-25T21:08:00.000+05:30बिलकुल सही बातबिलकुल सही बातBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-44495644264712949302009-02-25T19:17:00.000+05:302009-02-25T19:17:00.000+05:30सच कहा आपने ये दुनियादारी का नया मुलम्मा .कंक्रीट ...सच कहा आपने ये दुनियादारी का नया मुलम्मा .कंक्रीट ओर सीमेंट की दीवारे ...रिश्तो की गर्माहट को कही पीछे छोड़ आयी ..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-6235589457368384612009-02-24T23:39:00.000+05:302009-02-24T23:39:00.000+05:30शिखा जी ,मुझे भी मेरा बचपन बहुत याद आता है. परिवर्...शिखा जी ,मुझे भी मेरा बचपन बहुत याद आता है. परिवर्तन तो प्रकृति का नियम ही है .पर देखिये ,एक-दूसरे से मीलों दूर होकर भी हम इन्टरनेट के माध्यम से अनजाने लोगों से अपना दुःख-दर्द बाँट सकते हैं .हम दूर रहकर भी करीब हैं .है न !muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-15158469895915006042009-02-24T21:53:00.000+05:302009-02-24T21:53:00.000+05:30achchha lekh laga . badhaai ho.achchha lekh laga . badhaai ho.Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-69141630362960411922009-02-24T21:52:00.000+05:302009-02-24T21:52:00.000+05:30हम तो ६० साल पीछे का याद कर दुखी होते रहते हैं. बह...हम तो ६० साल पीछे का याद कर दुखी होते रहते हैं. बहुत सदाही बात कही. घुघूती जी ने जो कहा है वह भी सच होता नहीं दिख रहा. हो सकता है हम गलत कालोनी में फंस गए हों. हमने बासी रोटी का उपमा बना के खाया, अच्छा लगा. वैसे बासी इडली का तो बनाते ही थे. आभार<BR/>http://mallar.wordpress.comP.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-78263258058857142472009-02-24T21:42:00.000+05:302009-02-24T21:42:00.000+05:30बिल्कुल सही बात है आजकल वह दौर देखने को नही मिलता ...बिल्कुल सही बात है आजकल वह दौर देखने को नही मिलता जो उस समय था।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-35572066430833257622009-02-24T21:18:00.000+05:302009-02-24T21:18:00.000+05:30शिखा जी ,अपने बिलकुल सही लिखा है .आज का लखनऊ भी अब...शिखा जी ,<BR/>अपने बिलकुल सही लिखा है .आज का लखनऊ <BR/>भी अब वो लखनऊ नहीं रह गया .यहाँ भी महानगरीय संस्कृति पूरी तरह अपने पांव पसर चुकी है .अब तो बच्चे सिर्फ एक सीमित दायरे में ही लोगों को जानते हैं .आपका लेख अच्छा लगा .<BR/>पूनमपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-9974473986072219232009-02-24T19:46:00.000+05:302009-02-24T19:46:00.000+05:30समय बदलने के साथ साथ विचार और जीवनशैली भी बदल जाती...समय बदलने के साथ साथ विचार और जीवनशैली भी बदल जाती है . जो पहले था अब नहीं रहेगा . बढ़िया स्मरण . बधाईसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-84358499322254656942009-02-24T19:12:00.000+05:302009-02-24T19:12:00.000+05:30बहुत अच्छा और बेहतरीन लिखा है बधाई स्वीकारेंबहुत अच्छा और बेहतरीन लिखा है <BR/>बधाई स्वीकारेंDevhttps://www.blogger.com/profile/07812679922792587696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-28310753405515566442009-02-24T14:34:00.000+05:302009-02-24T14:34:00.000+05:30चलो हमारे बहाने ही सही, बढ़िया गोता लगाया यादों के ...चलो हमारे बहाने ही सही, बढ़िया गोता लगाया यादों के सागर में. कभी कभी ऐसा कर लेना चाहिये, अच्छा लगता है. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-39623799593461948332009-02-24T13:42:00.000+05:302009-02-24T13:42:00.000+05:30लगता है....पहले पूरे भारतवर्ष के हर शहर की कहानी ए...लगता है....पहले पूरे भारतवर्ष के हर शहर की कहानी एक ही थी और अब सब जगहों से यह जीवनशैली गुम होती जा रही है।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-988073689769711277.post-14934655876702963692009-02-24T13:09:00.000+05:302009-02-24T13:09:00.000+05:30सही बात कह रहीं हैं आप। परन्तु शायद यह दौर भी निकल...सही बात कह रहीं हैं आप। परन्तु शायद यह दौर भी निकल जाएगा और शायद लोग फिर से आस पड़ोस, दोस्तों की आवश्यकता महसूस करें और हाउसिंग सोसायटीज़ पुराने मोहल्ले का रूप लेने लगें।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com